












उद् गीत
प्रोफेसर गौतम जी की सेवा निवृत्ति के पश्चात् एक दिन घर में बैठकर बात-चीत करते हुए डॉ. वीरेन्द्र भारद्वाज ने अपने सर के आगे अपनी प्रबल इच्छा के साथ-साथ, सर के सभी प्रिय विद्यार्थियों के मनोभावों को रखते हुए कहा – “सर, मेरी और आपके सभी आत्मीय शिष्यों की भी यही इच्छा है कि सभी एक साथ एक सूत्र में बंध कर एक साहित्यिक मंच से जुड़ें।

उद्गीत पत्रिका के तीसरे अंक के लिए लेख एवं रचनाएँ आमंत्रित हैं।
दिल्ली से प्रकाशित त्रैमासिक पीयर रिव्यूड पत्रिका
उद् गीत
(साहित्य, समाज और संस्कृति)
अंक – 3, जनवरी-मार्च 2025
आलेख स्वीकारने की अंतिम तिथि : शनिवार, 15 मार्च 2025
आलेख भेजने का पता: [email protected]
सूचना
प्रस्तावना
समय परिवर्तनशील है, जो मानव जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है। वर्तमान समय में कृत्रिम बौद्धिकता, वैश्विक निकटता और सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों ने समाज को एक नई दिशा दी है। विषयों के साथ-साथ अध्ययन-अध्यापन का तरीका भी बदल रहा है। समाज का दर्पण होने के नाते साहित्य इस बदलाव को विविध रूपों में प्रतिबिंबित करता रहा है। इसलिए इन बदलावों को समझते हुए हमें समाज, संस्कृति और साहित्य की प्रगति एवं परंपरा दोनों को आगे बढ़ाना है।
इस अंक हेतु निम्नलिखित विषयों से संबंधित लेख भेजे जा सकते हैं –
- साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, हिंदी भाषा एवं साहित्य, साहित्यकार, विभिन्न विमर्श, हिंदी सिनेमा, ओटीटी प्लेटफॉर्म, रंगमंच, पत्रकारिता, सोशल मीडिया आदि से संबंधित विषय।
- सृजनात्मक साहित्य के अंतर्गत लेख, निबंध, कहानी, कविता, गीत, यात्रा वृत्तांत,व्यंग्य, संस्मरण, नाटक / उपन्यास अंश, एकांकी, समीक्षा आदि आमंत्रित हैं।
- इनके अतिरिक्त अन्य महत्त्वपूर्ण समसामयिक,प्रासंगिक विषयों पर भी लेख व रचनाएँ आमंत्रित हैं।
- केवल हिंदी भाषा में लिखे लेख ही स्वीकार्य होंगे।
- नियमावली के लिए उद्गीत पत्रिका की वेबसाइट देखें: udgeet.in
- अंक से संबंधित अन्य जानकारी हेतु यहाँ सम्पर्क करें: [email protected]
इस अंक के रचनाकार
यामिनी गौतम
आरती
बरखा लोहिया
अनिता देवी
रोहिणी पांड्यान
कुसुम लता
प्रवीण भारद्वाज
प्रतिभा राणा
सूरज रंजन
मीनू कुमारी
नीतू जयसिंघानी
संदीप सो.लोटलीकर
मुन्ना कुमार पाण्डेय
ज्योति सिंघल
रमा यादव
राजेन्द्र गौतम
राज भारद्वाज
अमित कुमार
अनीता यादव
आशा
धर्मेन्द्र प्रताप सिंह
शशि शर्मा
शिवाजी कॉलेज हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ज्योति शर्मा के संयोजन और डॉ प्रवीण भारद्वाज के सहयोग से आयोजित जयशंकर प्रसाद कृत “चंद्रगुप्त नाटक” की छात्रों द्वारा मंचीय प्रस्तुति का youtube लिंक |
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