उद् गीत पत्रिका
“उद् गीत” साहित्यिक शोध पत्रिका के माध्यम से यह आशा है कि इसमें आदित्य जैसा प्रकाश हो, प्रणव जैसी शांति, हृदय को शांत करने वाली ध्वनि की अनुगूँज भी समाहित हो।इसमें प्रमुखतः कहानियाँ, कविताएँ, उपन्यास, नाटक, लेख, आलेख, पुस्तक समीक्षा आदि प्रकाशित किए जायेंगे।इस साहित्यिक पत्रिका द्वारा समाज, देश-दुनिया की विभिन्न समस्याओं, मुद्दों, विचारों पर चर्चा करने के साथ-साथ समाज में सकारात्मक प्रभाव डालने का भी सार्थक प्रयास किया जायेगा। हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार एवं लेखकों की सृजनात्मक प्रतिभा को मुखरित करने वाली, साहित्य-संसार के प्रति समर्पित एक विशुद्ध साहित्यिक पत्रिका है।प्राध्यापकों, शोधार्थियों और छात्रों द्वारा लोक, संस्कृति, साहित्य, समाज, शिक्षा, मीडिया, सिनेमा, विभिन्न विमर्श आदि से सम्बन्धित रचनाएँ प्रकाशन हेतु भेजी जा सकती हैं। यह साहित्यिक पत्रिका अपने प्रत्येक नये अंक के साथ एक साहित्यिक यात्रा के अनेक पड़ावों को पार करती हुई अकादमिक जगत की धरोहर के रूप में अनवरत रूप से कार्य करती रहेगी।
शोध आलेख संबंधी नियम
- प्रकाशन हेतु शोधालेख किसी भी विषय पर भेजे जा सकते हैं।
- शब्द सीमा न्यूनतम 2000 शब्द से अधिकतम 4000 शब्द होगी।
- शोधालेख मौलिक, अप्रकाशित एवं लिए गए संदर्भों के विवरण के साथ हो।
- हिंदी में प्राप्त चयनित शोधालेख ही प्रकाशित किए जाएंगे।
- हिंदी में शोधालेख यूनिकोड/मंगल फॉण्ट में तथा फॉण्ट साइज़ 14 में टंकित हो ।
- शोधालेख आरम्भ करने से पहले ऊपर की तरफ दाई ओर नाम, विभाग, महाविद्यालय, मेल आईडी अवश्य लिखें।
- किसी भी प्रकार की साहित्यिक चोरी मान्य नहीं होगी।
- रचनाओं के प्रकाशन हेतु सम्पादक मंडल का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
- शोधालेख प्रकाशित होने पर लेखक को अपनी प्रति का समस्त खर्च स्वयं वहन करना होगा।
- शोधालेख निम्नलिखित ईमेल पर वर्ड एवं पीडीएफ फाइल में मेल करें :
Email: [email protected]
शोध आलेख का प्रारूप
- शोध आलेख का शीर्षक
- लेखक का परिचय (नाम, पद, विभाग/संस्थान का नाम, ई-मेल, मोबाईल नंबर, प्रकाशित कार्यों का उल्लेख आदि)
- शोध-सारांश (150-200 शब्दों में)
- बीज शब्द या संकेत शब्द (5-7)
- प्रस्तावना
- सम्पूर्ण लेख
- निष्कर्ष
- सन्दर्भ सूची: (API Format) लेखक का नाम, प्रकाशन वर्ष, पुस्तक का नाम, प्रकाशक का नाम व स्थान, संस्करण)