समीक्षा

मोहन राकेश के तीन नाटक : एक अनूठा रंग-प्रयोग
मोहन राकेश आधुनिक हिन्दी रंगमंच के सुप्रसिद्ध नाटककार हैं l उन्होंने तीन नाटक लिखे – ‘आषाढ़ का एक दिन’, ‘लहरों के राजहंस’ और ‘आधे-अधूरे’ l यूँ उनका एक अपूर्ण नाटक ‘पैर तले की जमीन’ भी था जिसे राकेश के मरणोपरांत कमलेश्वर ने पूरा किया, किन्तु वह अपनी कोई ख़ास पहचान बना नहीं पाया l अपने सशक्त कथ्य और शिल्प के बूते राकेश के तीनों नाटक रंगकर्मियों को ….
अज्जो : बेटी इंडिया की
भारत जैसे विशालकाय देश में जब भी महिलाओं से सम्बन्धित समस्याओं पर बात की जाती है तो ज्यादातर भ्रूण हत्या,दहेज प्रथा,घरेलू हिंसा,लैंगिक भेदभाव,शारीरिक असुरक्षा,यौन प्रताड़ना,एसिड अटैक जैसे मुद्दों को सामने लाया जाता है।यह देश का दुर्भाग्य है कि आज भी भारत जैसे देश में महिलाएं कहीं न कहीं ऐसी समस्याओं से जूझ रही हैं।ऐसी ही एक महत्वपूर्ण समस्या है-गर्भवती महिला का घर पर प्रसव पीड़ा से जूझना और कई बार नवजात शिशु का जन्म से पहले ही मृत हो जाना।राम जी बाली ने फिल्म ‘अज्जो’ के द्वारा हिंदी फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में ऐसे ही महत्वपूर्ण विषय पर अपना पहला सफल प्रयास किया है।फिल्म के पहले दृश्य से लेकर आखिरी ….